प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आज शुक्रवार को शाम छह बजे सचिवालय में होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, सहकारिता, राजस्व समेत कई अन्य विभागों के प्रस्तावों पर विचार हो सकता है। नर्सिंग भर्ती के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव भी आ सकता है। वहीं, 18 अशासकीय महाविद्यालयों के अनुदान का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है।
चुनावी साल में प्रदेश की भाजपा सरकार जनभावना के प्रतीक गैरसैंण पर और फोकस करेगी। इस कड़ी में सरकार बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) विधानसभा में कर सकती है। सचिवालय भवन और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कार्य शुरू कर सरकार पहाड़ और गैरसैंण के विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करने की कोशिश करेगी।
प्रदेश सरकार बजट सत्र की तैयारी में जुट गई है। फरवरी के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में बजट सत्र होने की संभावना है। वित्त विभाग ने बजट प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने भी युवाओं, महिलाओं और प्रदेशवासियों से बजट को लेकर सुझाव मांगें हैं। चुनावी साल होने के कारण बजट को लोकलुभावन बनाने का दबाव सरकार पर रहेगा। लेकिन इससे भी ज्यादा अहम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गैरसैंण एजेंडा है।
मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के साथ ही उन्होंने अगले 10 साल में गैरसैंण को करीब 25 करोड़ के निवेश से विकसित करने पर की घोषणा की है। अब सबकी निगाहें बजट सत्र पर लगी हैं। सत्तारूढ़ दल और सरकार में ज्यादातर लोगों की राय गैरसैंण में बजट सत्र कराने की है।
मुख्यमंत्री की दिली इच्छा भी यही बताई जा रही है। लेकिन कोविडकाल की परिस्थितियों में भराड़ीसैंण विस में सत्र कराना कितना व्यावहारिक होगा, इस पर विचार हो रहा है। सियासी जानकारों के मुताबिक, चुनावी वर्ष में सरकार भराड़ीसैंण में सत्र कराने का अवसर नहीं गंवाएगी। इसलिए भराड़ीसैंण में बजट सत्र कराए जाने की ज्यादा संभावनाएं हैं।