टूलकिट मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के मुताबिक इसे बनाने के लिए जूम मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग में करीब 70 लोग शामिल थे. इनमें से अधिकतर लोगों ने अपनी पहचान छिपा रखी थी यानी कि बिना नाम बताए वे इस मीटिंग को अटैंड कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक इस मामले में पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक मो धालीवाल और सह-संस्थापक अनीता लाल की पहचान हो गई है. वहीं निकिता जैकब, शांतनु और दिशा रवि की पहचान पहले ही कर ली गई थी. बाकी आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है. इसके लिए शांतनु और निकिता की गिरफ्तारी की जरूरत है.
उधर टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि की गिरफ्तारी पर विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है. कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि इस मामले को हवा देकर सरकार अपने कुकर्मों को छिपा रही है. मैं समझता हूं कि विवेकशील लोग इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि हम किसान आंदोलन के साथ हैं और उनके पीछे खड़े रहेंगे. कांग्रेस के दूसरे नेता उदित राज ने कहा कि इस सरकार में जज और न्यायपालिका सभी समझौता कर चुके हैं. इसीलिए बिना किसी विवाद के दिशा रवि को जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा,’दिशा रवि के केस में कोई दम नहीं है कि उसे जेल भेजा जाए. अगर हम मान भी लें, कि उस मीटिंग में खालिस्तानी था, तो क्या हो गया. लिंक से कोई भी जुड़ सकता है, बातों से क्या कुछ भी कर सकता है.’