BHARAT VRITANT

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से दिल्ली पुलिस आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ काफी सख्त हो गई है। किसानों को रोकने के लिए या किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को रोकने के लिए बेहद कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने सड़कों पर कीलें गाड़ दी हैं और मुख्य सड़कों पर गड्डे खोद दिए गए है ताकि प्रदर्शनकारी किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोका जा सके।

जिन-जिन बॉर्डर पर किसान बैठे हैं, वहां से ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिन्हें देखकर कहा जा सकता है कि पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए इस बार काफी सख्त इंतजाम किए हैं।

गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेट के ऊपर कटीले तार और सड़क पर परमानेंट बैरिकेड लगा दिए गए हैं। ये बैरिकेड असल में क्रंक्रीट की दीवार हैं। इनको आसानी से हटाना नामुमकिन है, वहीं यदि किसी को इन्हें पार करना है, तो दीवार को तोड़ना ही पड़ेगा। इन्ही बैरीकेड पर कटीले तार लगाए जा रहें हैं, ताकि बैरिकेड के ऊपर से कोई कूद न सके। यानी अब गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह से बंद हो चुका है। नेशनल हाइवे और नेशनल हाइवे 9 अब कोई गाड़ी दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेगी।

इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने अब विशेष स्टील की छड़ें (लाठी) बनाई हैं जो तलवार से हमला करने पर निपटने के लिए प्रभावी होंगी। इस तरह की 50 स्टील की छड़ें बनाई गई हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो और भी बनाई जा सकती हैं। 26 तारीख को हुई हिंसा के दौरान ऐसी कई तस्वीरें आई थीं जब उपद्रवियों ने पुलिस पर तलवारों से भी हमला किया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग 30 लाठी शाहदरा जिले को दी गई हैं और लगभग 20 लाठी पूर्वी जिले में भेजी गई हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब उपद्रवी पुलिस पर तलवार लहरा रहे थे, तो लकड़ी के डंडे से उन्हें रोकना मुश्किल था।

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