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पश्चिम बंगाल में बीजेपी के विधायकों की संख्या बुधवार को 77 से घटकर अब 75 हो गई. दो विधायकों ने पार्टी के निर्देश पर विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. ये दोनों सांसद हैं. ये विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने, लेकिन इनका सांसद बने रहना पार्टी को ज्यादा फायदेमंद लग रहा है. कूच बिहार के सांसद निशीथ प्रमाणिक जिले के दिनहाटा से विधायक चुने गए थे इसी तरह राणाघाट के बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार नदिया जिले के शांतिपुर से जीतकर विधायक बने, लेकिन दोनों ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

प्रमाणिक ने कहा, “हमने पार्टी के फैसले का पालन किया है. पार्टी ने फैसला किया है कि हमें अपनी विधानसभा सीटों से इस्तीफा दे देना चाहिए.” कूच बिहार के सांसद ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा के बाबत कहा, “कूच बिहार के लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को खारिज कर दिया है, इसलिए वे (तृणमूल) हिंसा का सहारा ले रहे हैं. अब उपचुनाव होगा. भाजपा फिर जीतेगी.” भाजपा के एक सूत्र ने कहा, “आधिकारिक घोषणा समय की बात है. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उत्सुक है कि दोनों सांसद बने रहें.”

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में चार लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारा था प्रमाणिक और सरकार के अलावा पार्टी ने लॉकेट चटर्जी और बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा था, जबकि राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता पांचवें सांसद थे. दासगुप्ता ने तारकेश्वर सीट से अपना नामांकन दाखिल करने से पहले इस्तीफा दे दिया था, मगर वह विधानसभा चुनाव हार गए. लॉकेट चटर्जी और बाबुल सुप्रियो भी हार गए.

तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “बीजेपी ने बंगाल चुनाव में चार लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद को मैदान में उतारा था. उनमें से तीन चुनाव हार गए और दो जीते. इन दो विजयी विधायकों ने आज इस्तीफा भी दे दिया. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने चुनाव में शून्य हासिल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया.”