अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि आगामी Mahakumbh में श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित की जा रही हैं ताकि प्लास्टिक की बजाय प्राकृतिक सामग्री का उपयोग बढ़े।
स्वच्छता पर विशेष ध्यान- Mahakumbh
स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए 400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ बैठक आयोजित की गई है। छात्रों को स्वच्छता का संदेशवाहक बनाकर प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ की जागरूकता को फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
गंगा सेवादूतों की तैनाती- Mahakumbh
महाकुम्भ में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 1500 से अधिक गंगा सेवादूतों की तैनाती की जाएगी। ये सेवादूत श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए प्रेरित करेंगे। इनका प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और भविष्य में संख्या बढ़ाने की योजना है।
प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ- Mahakumbh
महाकुम्भ के दौरान किसी भी दुकान में प्लास्टिक बैग उपलब्ध नहीं होंगे। सभी विक्रेताओं और संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ के नियमों का पालन करें। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा सेवाओं का विशेष इंतजाम- Mahakumbh
महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की चिकित्सा देखभाल के लिए परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा है, जिसमें एम्स रायबरेली और सेना के अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात होंगे। इसके अलावा, आठ छोटे अस्पताल भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें आईसीयू और संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष इंतजाम होंगे।
विशेष अस्पताल और आईसीयू की व्यवस्था- Mahakumbh
आठ छोटे अस्पतालों के साथ, मेला क्षेत्र और अरैल में दो 10-बेड के आईसीयू और झूंसी के 25-बेड वाले अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू भी बनाया जाएगा। इस तरह, श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।