उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज चमोली जिले में टनल में फंसे लोगों के लिए जारी राहत और बचाव कार्य का दौरा किया। उन्होंने बचाव और राहत अभियान का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के अधिकारियों से भी जानकारी ली।
बता दें कि राज्य के चमोली जिले के रैनी-तपोवन आपदा में लापता 204 लोगों में से अब तक 35 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 2 लोग अपने घरों पर जीवित मिले हैं। अन्य 200 लोगों की खोजबीन के लिए सर्च अभियान अभी भी जारी है। तपोवन टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए यहां युद्ध स्तर पर दिन-रात एस.डी.आर.एफ, आटीबीपी, और अन्य एजेंसियां जुटी हुई हैं। बचाव अभियान टीमों द्वारा आज सुबह के 2 बजे तक 12 से 13 मीटर नीचे सुरंग में झांकने के लिए ड्रिलिंग अभियान शुरू किया गया।
बता दें कि 180 मीटर गहरी टनल के 150 मीटर हिस्सा से अधिक मलबा हटाया जा चुका है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए नेवी के मरीन कमांडोज ने श्रीनगर में अफना सर्च ऑप्रेशन शुरू कर दिया है। यहां 20 किलोमीटर के दायरे में फेली श्रीनगर जल विद्यूत परियोजना की झील में नेवी की टीम शवों को खोजेगी।
बुधवार को अलकनंदा नदी के तटों पर चलाए गए सर्च ऑप्रेशन के दौरान रुद्रप्रयाग में आपदा में लापता एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया जबकि तपोवन क्षेत्र और चमोली में लापता लोगों में से बुधवार को किसी का कोई सुराग नहीं मिला है। लापता लोगों की सूची में शामिल ऋषिगंगा पावर प्रोजैक्ट में कार्यरत चमोली के सुरज सिंह और सहारनपुर के राशिद को प्रशासन की ओर से जीवित उनके घरों में मौजूद बताया गया है।
ऋषिगंगा घाटी में आई विकराल बाढ़ में तबाह हुई ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना स्थल से लापता हुए लोगों के परिजनों ने बुधवार को अधिकारियों पर बचाव अभियान सही से नहीं चलाने का आरोप लगाया। लापता श्रमिकों के परिजन यहां परियोजना के अधिकारियों के साथ दो घंटे तक बहस में उलझे रहे और आरोप लगाया कि त्रासदी के बाद बचाव एवं राहत अभियान सही से नहीं चलाया जा रहा है।