BHARAT VRITANT

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक रेलवे कॉरिडोर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान 5 दिनों से आंदोलनरत हैं। सैकड़ों किसान ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के कार्यालय के सामने धरना देकर बैठे हुए हैं। अब किसानों ने ऐलान किया है कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवाई जाए। अगर जिले के प्रशासनिक और प्राधिकरण के अफसरों ने उनकी बात नहीं मानी तो नोएडा में आयोजित हो रहे यूपी स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंच जाएंगे।

नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाने की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से प्राधिकरण पर किसानों का महापड़ाव चल रहा है। रविवार को महापड़ाव में पहुंचे किसानों ने ऐलान किया है कि सोमवार को वह मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। गांव कठेहरा निवासी मनीष भाटी बीडीसी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकण के कार्यालय पर किसान रात-दिन का महापड़ाव डाल कर बैठे हुए हैं। किसानों की मांग है कि डीएमआईसी परियोजना के लिए अधिग्रहण अथवा सीधे रजिस्ट्री से प्रभावित किसानों, भूमिहीनों व गरीबों को नए कानून का लाभ दिया जाए। सोमवार को मुख्यमंत्री जिले में आ रहे हैं। उनसे वार्ता कराए जाने के लिए धरना स्थल से सभी अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को पत्र भेजा गया है। मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता नहीं कराई जाती है तो धरना स्थल से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए नोएडा कूच करेंगे।

दूसरी ओर धरनास्थल पर समर्थन देने के लिए रविवार को किसान एकता संघ और हिन्द समाज सेवा समिति संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे। आपको बता दें कि दादरी से मुंबई तक दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए पल्ला, पाली, बोड़ाकी, चिटहेरा और कटहरा समेत आसपास के गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। कोरिडोर के लिए अधिकांश जमीन किसानों से सीधे रजिस्ट्री के जरिए हासिल की गई है, लेकिन अब किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत लाभ देने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सीधे रजिस्ट्री के जरिए जमीन लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और डीएमआईसी ट्रस्ट ने उनके साथ धोखा किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *