कोरोना की दूसरी लहर को थामने के लिए यूपी की योगी सरकार ने एक बड़ा अभियान चलाया है. हफ्ते भर की इस मुहिम में मेडिकल टीम ने एक लाख गांवों का दौरा किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की मदद से ग्रामीण इलाकों में लोगों की स्क्रीनिंग की गई. बताया जा रहा है कि, इस दौरान ग्रामीण लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली गई. टेस्टिंग, ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के फॉर्मूले से योगी सरकार की तैयारी कोरोना के संक्रमण को रोकने की है. अगर ये बीमारी गांवों तक पहुंच गई फिर तो तबाही तय मानिए. यूपी के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जब कोविड पॉजिटिव थे उन्होंने इस खतरे को भांप लिया था.
इसीलिए सीनियर अफसरों की मीटिंग में ही उन्होंने इस पर काम करने को कह दिया था. WHO के साथ ब्लू प्रिंट तैयार हुआ और फिर 5 मई से लेकर 11 मई तक राज्य भर में ये कैंपेन चला. घर-घर जाकर लोगों से मिलना, थर्मल स्कैनर से टेमपरेचर नापना, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल देखना, अगर कोरोना का लक्षण है तो फिर तुरंत एंटिजेन टेस्ट करना और पॉजिटिव निकले तो इलाज शुरू करना. साथ ही मेडिकल किट के साथ दवा देना वहीं अगर तबियत बिगड़ी तो फिर अस्पताल ले जाना. इसके साथ ही लगातार लोगों की मॉनिटरिंग करना, संक्रमित व्यक्ति के घर परिवार और पड़ोस के लोगों को आइसोलेट करना. इस फॉर्मूले पर हफ्ते भर अभियान चला.
यूपी सरकार की मेडिकल टीम ने ये काम एक दो नहीं हजारों गांवों में किया. राज्य सरकार की मानें तो मेडिकल टीम 97 हजार 941 गांवों तक पहुंची. इस काम में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी उसका साथ दिया. WHO की टीम ने भी दस हजार गांवों का दौरा किया। ग्रामीण इलाको में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकना योगी सरकारी का पूरा जोर यूपी की योगी सरकार का सारा जोर अब ग्रामीण इलाको में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकना है. इसीलिए सभी गांवों के स्क्रीनिंग की योजना बनी. इस योजना में WHO की भी मदद ली गई. तय हुआ कि 5 मई से लेकर 9 मई तक अभियान चलाया जाएगा. बाद में इस मुहिम को हफ्ते भर के लिए कर दिया गया. टेस्टिंग, ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के फॉर्मूले से देहांत के इलाकों में कोरोना की दूसरी लहर को थामने का रोडमैप बना.
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के 21 हजार 242 सुपरवाइजर तय किए गए. टेस्टिंग के लिए हर ब्लॉक में दो मोबाइल वैन लगाए गए. यूपी के सभी 75 जिलों के ग्रामीण इलाको में अब ये काम पूरा कर लिया गया है. पिछले दस दिनों में राज्य में कोरोना के केस करीब एक लाख कम हो गए हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं ये राहत की बात है कि लगातार संक्रमण कम हो रहे हैं. ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बेड तक की सुविधा बढ़ाई गई है. लेकिन संक्रमण को रोक कर ही हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं और इस मामले में हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है और उसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं.
लखनऊ, वाराणसी और आगरा जैसे शहरों में कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है लेकिन योगी सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती गांवों में इस बीमारी को फैलने से रोकने की है. अगर गांवो में इस वायरस ने पैर पसारे तो फिर मामला आउट ऑफ कंट्रोल हो सकता है. गांव में न तो टेस्टिंग की सुविधा है न इलाज का इंतजाम है. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से कोरोना का विस्फोट हो सकता है. कोरोना के पहले वेव में बेहतर काम काज के लिए योगी मॉडल की तारीफ खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने की थी. आठ महीने बाद राज्य में चुनाव हैं. इसीलिए योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी चिंता कोरोना से उपजे दर्द और लाचारी वाले माहौल को बदलने की है.