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केंद्र की कड़ी सरकार पर इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से फोन टापिंग कराए जाने की खबरे आने के बाद सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर हंगामा कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस का कहना है की पार्टी संसद के दोनों सदनी में तब तक सत्र नहीं चलने देंगे जब तक सरकार फोन टापिंग केस पर विस्तृत चर्चा नहीं करती। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और महुआ मोइत्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा हमने आज मंगलवार सुबह पेगासस मामले में विरोध जताया है और दोनों सदनों में चर्चा को लेकर नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा है की टीएमसी तब तक लोकसभा और राज्यसभा चलने नहीं देगी जब तक सरकार इस पर चर्चा नहीं करती। टीएमसी नेताओ ने कहा की अभी हमने कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं करनी है, हम अभी पेगासस मामले में बहस चाहते है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा की पैसे का क्या किया? विरोधियो को ट्रैक करने के लिए लाखों डॉलर दिए गए। ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है और इस पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। डेरेक ने कहा की यह काफी दिलचस्प है की आप अभिषेक बनर्जी का फोन टेप करते है। आपने हर चीज का इस्तेमाल किया। आपके राज्य में कोरोना मिला और आप तभ भी चुनाव हार गए।

इससे पहले मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। विपक्षी डालो की और से इस कदर हंगामा किया गया की पीएम मोदी सदन में मंत्रियो का परिचय तक नहीं करा पाए। सत्र के ठीक एक दिन पहले ही फोन टैपिंग वाला मामला सामने आया है। पेगासस को लेकर कांग्रेस खुलकर सामने आ गई। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राज्यसभा प्रतिपाकसह मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की जांच से पहले केन्द्री=िया गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।

फोन टापिंग की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राहुल गांधी की जासूसी करवाने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस ने यह भी कहा की सिर्फ राहुल ही नहीं बल्कि विपक्ष के कई दूसरे नेताओ की भी जासूसी करवाई गई। बीजेपी को आपने नाम बदलकर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख लेना चाहिए।