प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब आज संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे तो उनके भाषण के केंद्र में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई पर जोर देना होगा। साथ ही सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में भारत की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने पर होगा। उम्मीद की जा रही है कि संयुक्त राष्ट्र के इस मंच पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिस तरह से कश्मीर और भारत के खिलाफ जहर उगला है पीएम मोदी करारा जवाब दे सकते हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी समितियों द्वारा संस्थाओं और व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने या उन्हें सूची से हटाने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता के लिए जोर देगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहले से रिकॉर्ड किया जा चुका यह संबोधन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब नौ बजे होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सुबह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वक्ता होंगे। सूत्रों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के जारी 75वें सत्र के दौरान भारत की प्राथमिकता आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को और मजबूत करने पर जोर देने की होगी।वहीं यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि ने इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान का बयान झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने देश में अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था। उन्होंने कहा कि राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा।
ऐसी संभावना है कि पीएम मोदी अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकते हैं। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने एक बार फिर झूठ का सहारा लिया है और कहा कि आरएसएस, गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़कर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।हालांकि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण का भारत ने बहिष्कार किया है। जैसे ही भाषण के लिए इमरान खान का नाम लिया गया वैसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सभा से उठ कर बाहर चले गए। दरअसल, भारत ने यह बहिष्कार पाकिस्तान की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाने और भारत के खिलाफ बयान देने को लेकर किया है। यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान का बयान झूठे इल्जाम लगाना, व्यक्तिगत हमले करना, अपने देश में अल्पसंख्यकों का हाल न देखकर भारत पर टिप्पणी करना शामिल था। उन्होंने कहा कि राइट टू रिप्लाई में जवाब दिया जाएगा।

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