संसद में कृषि बिलों पर हंगामा जारी, विपक्ष ने सदन से बायकॉट किया, कहा 8 सांसदों का निलंबन वापस लेने समेत 4 मांगें पूरी होने तक बहिष्कार करेंगेकृषि बिलों के विरोध में हंगामा करने पर विपक्ष के 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया हैवेंकैया नायडू की अपील, सदन में चर्चा नहीं रुकनी चाहिए, सांसदों पर कार्रवाई उनके गलत व्यवहार की वजह से की गई|
संसद के मानसून सत्र का आज नौवां दिन है। राज्यसभा में आज विपक्षी दलों के 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठा। इसके अलावा, कृषि बिलों के विरोध में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा से बायकॉट कर दिया। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता और कृषि बिल से जुड़ी चिताएं दूर नहीं होतीं, तब तक संसद सत्र का बॉयकॉट जारी रखेंगे। उधर, एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, ‘वह सांसदों के निलंबन के खिलाफ चल रहे आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। इनके समर्थन में एक दिन का उपवास करेंगे।’ इस बीच, 8 निलंबित सांसदों ने आज सुबह 11 बजे अपना धरना खत्म कर दिया। वे संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने सोमवार दोपहर से धरने पर बैठे थे। सरकार ऐसा बिल लाए जिससे कोई प्राइवेट खरीदार MSP से नीचे किसानों की उपज नहीं खरीद सके।स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर MSP तय की जाए।एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों की उपज MSP से नीचे नहीं खरीदें।
8 सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए।कृषि बिलों पर रविवार को सदन में हंगामा करने वाले 8 विपक्षी सांसदों को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। ये सांसद रातभर संसद परिसर में धरने पर बैठे रहे। वेंकैया नायडू ने आज विपक्ष के बायकॉट पर कहा, “बायकॉट के फैसले पर फिर से विचार करें और सदन में चर्चा जारी रखें। सांसदों के व्यवहार की वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। हम किसी सदस्य के खिलाफ नहीं हैं। सांसदों के निलंबन से मैं भी खुश नहीं हूं। कृषि बिलों के विरोध के बीच केंद्र ने पहली बार समय से पहले सितंबर में ही रबी की 6 फसलों का MSP 6% तक बढ़ा दिया है। गेहूं का MSP 50 रुपए बढ़ाकर 1975 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को बताया कि यह फैसला कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने लिया है।दूसरी ओर कांग्रेस समेत 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कृषि बिलों पर साइन नहीं करने की अपील की। उधर, देश में कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसान संगठनों ने 25 सितंबर को किसान कर्फ्यू की बात कही है। राजस्थान के किसान इसमें शामिल होने पर 23 सितंबर को फैसला करेंगे। हालांकि, राज्य में सोमवार को सभी 247 कृषि मंडियां बंद रखी गईं।