कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच पर निकले किसान सातवें दिन उग्र हो गए हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर उन्होंने बैरिकेड्स गिरा दिए। वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को सिंधु और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ नोएडा चिल्ला बॉर्डर को भी सील कर दिया गया। चिल्ला बॉर्डर की ओर से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठन के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई, लेकिन इसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अब तीन दिसंबर को एक बार फिर वार्ता होगी। नोएडा लिंक रोड के पास चिल्ला बॉर्डर आज बंद रहेगा क्योंकि किसान गौतमबुद्ध द्वार तक पहुंच गए हैं। लोगों को यह सलाह दी गई है कि नोएड लिंक रोड की ओर से नोएडा न जाएं, इसकी जगह एनएच 24 और डीएनडी होकर नोएडा जाएं। सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध जारी है। आपको बता दें कि किसान संगठनों की सरकार से बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला तो बुराड़ी में जाकर धरने पर बैठे किसान भी सिंघु बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। वह भी सिंघु बॉर्डर पर धरना देकर बैठ गए, जिसके बाद दिल्ली पुलिस कुछ पीछे हट गई। जिससे अब सिंघु बॉर्डर से हरियाणा व दिल्ली दोनों तरफ किसानों का धरना शुरू हो गया है और उनके बीच से पुलिस निकल गई है। इसके बाद सरकार ने किसान संगठनों से कहा कि वे बुधवार तक इन कानूनों के उन प्रावधानों को बिंदुवार बताएं जिन पर उन्हें आपत्ति है। सरकार इस पर गुरुवार को होने वाली बैठक में चर्चा करेगी और उनकी चिंताओं को दूर करेगी। केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, सरकार किसानों के हितों सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। जबकि किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। आपको बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के छठे दिन केंद्र सरकार और किसान संगठनों की उच्च स्तरीय बातचीत बेनतीजा रही थी। सरकार ने किसानों की आपत्तियों पर विचार के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया था। जिसे किसानों ने ठुकराते हुए पहले तीनों कानून वापस लेने की शर्त रखी। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड्स गिराए।

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