कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 10वें दिन भी विरोध जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी। गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। किसान संगठन कानून को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हैं। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दिल्ली के लोगों की समस्या का संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने लिखा, दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर जुटे किसानों ने दिल्लीवासियों को बंधक बना दिया है। आप से अपील है कि इस मामले में दखल देकर दिल्लीवासियों की चिंता दूर करें। किसानों के समर्थन में शुक्रवार को भी हस्तियों ने पुरस्कार और सम्मान वापस किए। भारत को पहला ओलंपिक मेडल दिलाने वाले राष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्स सिंह संधू ने कहा, अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती तो वे द्रोणाचार्य अवार्ड लौटा देंगे। साहित्य अकादेमी पुरस्कार जीतने वाले डॉ मोहनजीत, डॉ जसविंदर सिंह और पंजाबी पटकथा लेखक स्वराजबीर ने पुरस्कार वापस करने की घोषणा की। वहीं, आज पूरे देश में सरकार और कॉरपोरेट के पुतले जलाए जाएंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, शनिवार को अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो आंदोलन और बढ़ाएंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनान मोल्लाह ने कहा, सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, जब तक सरकार किसानों की बात नहीं मानती आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानूनों पर बृहस्पतिवार को सरकार से हुई बातचीत पर चर्चा के लिए शुक्रवार सुबह पहले सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान संगठनों की बैठक हुई। इसके बाद देशभर से आए किसान नेताओं ने बैठक कर शनिवार की वार्ता के लिए रणनीति बनाई। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया, सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन हमने साफ कहा है कि इन्हें वापस लेना होगा। किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल ने कहा, सरकार से कह दिया गया है कि कानून वापस लें। यदि मांग पूरी नहीं होती तो आठ दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। आज होने वाली बातचीत से पहले फिर केंद्र सरकार पर दबाव डालने की कोशिश की है। शुक्रवार को सिंघु सीमा पर हुई महापंचायत के बाद किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान किया। इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि नए कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो किसानों के हक में पूरा भारत बंद होगा। साथ ही देशभर के सभी टोल फ्री कर दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को हुई चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार को लगातार नौंवे दिन किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं बैठे रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *