नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच आज सातवें दौर की बातचीत होगी। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। बातचीत से पहले दोनो ही पक्षों ने ये साफ कर दिया है कि वो अपने स्टैंड पर कायम है। ऐसे में आज की बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। किसान अपनी मांग पर कायम हैं और उनका कहना है कि केंद्र को तीनो कृषि कानूनों को वापस लेना होगा, जबकि सरकार कह चुकी है कि कानून वापस लेना नामुमकिन है।

मंगलवार को किसान संगठन ने सरकार को ताजा पत्र लिखकर आज होने वाली वार्ता का न्योता स्वीकार करने की औपचारिक जानकारी दी। वहीं किसान संगठन ने एक बार फिर कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की अपनी मांग दोहराई। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को अपना चार सूत्री एजेंडा याद दिलाया, जिसमें तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी हैं और किसानों के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे को वापस लेने की प्रक्रिया शामिल है।

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