कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव सिंह सोलंकी का शनिवार को निधन हो गया। चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके। पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वे विदेश मंत्री भी रहे। गुजरात की राजनीति में उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम को लेकर एक नई रणनीति बनाई। इसे खाम थ्योरी कहा जाता है। 1980 के दशक में सोलंकी इन्हीं 4 समुदायों को साथ लेकर भारी बहुमत से साथ सत्ता में आए। सोलंकी के इस दांव से गुजरात का पटेल समुदाय उनसे दूर होता गया और भविष्य में भाजपा के साथ हो गया। पेशे से वकील रहे सोलंकी कोली समुदाय आते थे। पहली बार 1977 में वे गुजरात के सीएम बने। 1980 के विधानसभा चुनाव में 182 में 149 सीटें जीतीं। तब भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिलीं थीं।

माधव सिंह सोलंकी का जन्म 30 जुलाई 1927 को तत्कालीन बड़ौदा स्टेट के पिलुदरा में हुआ था। उनके परिवार में तीन बेटे भरत सिंह, अतुल सिंह और अशोक सिंह सोलंकी हैं। भरत गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और यूपीए-2 में केंद्रीय मंत्री रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुःख प्रकट किया उन्होंने लिखा, ‘माधव सिंह सोलंकी अजेय नेता थे। उन्होंने दशकों तक गुजरात की राजनीति में अहम किरदार निभाया। समाज को मजबूत करने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। उनके बेटे भरत सिंह सोलंकी से बात हुई है। पूरे परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। राजनीति के इतर सोलंकी को पढ़ने का भी शौक था। संस्कृति को लेकर भी वे जुनूनी थे। जब मैं उनसे मिलता था या बात होती थी, तो वे मुझे हालिया पढ़ी किताब के बारे में बताते थे। उनकी बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा।’

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